नवरात्रि पूजा सामग्री (Navratri Puja Samagri)
नवरात्रि, माँ दुर्गा की आराधना का पावन पर्व है, जो शक्ति, समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है। यह नौ दिन का पर्व माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान भक्तगण विशेष रूप से पूजा सामग्री का प्रयोग करके माँ दुर्गा को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। हर सामग्री का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है, जो पूजा को पूर्णता प्रदान करता है। श्रीमंदिर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं नवरात्रि पर किये जाने वाले हर अनुष्ठान में उपयोग होने वाली सम्पूर्ण सामग्री।
नवरात्रि पूजा सामग्री सूची | Navratri Puja Samagri List
- पूजा सामग्री
- आरती की थाल
- अष्टदल कमल
- कलश स्थापना
- जौ बोने के लिए सामग्री
- श्रृंगार
- कन्या पूजन
- हवन सामग्री
1. पूजा सामग्री
- चौकी
- आसन
- लाल वस्त्र
- माँ दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति
- गणेश जी की मूर्ति
- पान का पत्ता
- सुपारी
- कलावा या मौली
- धुप-अगरबत्ती-दीपक
- पूजा की थाली
- लाल-पीले या नारंगी रंग के फूल
- पुष्पमाला
- पूर्ण श्रृंगार का सामान
- प्रसाद के लिए ऋतुफल
- माता को चढ़ाने के लिए लाल चुनरी
- दुर्गा सप्तशती
- नारियल
2. आरती की थाली
आपकी पूजा में आरती की थाल में रखने के लिए जो चीजें आवश्यक हैं, वे कुछ इस प्रकार हैं -
- एक साफ थाल अथवा थाली
- कुमकुम
- चन्दन
- हल्दी
- अक्षत
- छोटा जलपात्र
- कर्पूर
- फूल
- बाती और घी से भरा दीपक
- घंटी
3. अष्टदल कमल
अष्टदल का बहुत सरल अर्थ है - आठ का दल या आठ का समूह और एक साथ जुड़े हुए आठ पत्तों या पंखुड़ियों को अष्टदल कमल कहा जाता है।
- कुमकुम और हल्दी से रंगे चावल (आप साधारण सफेद अक्षत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं) इनसे चित्र में दिखाए अनुसार अष्टदल बनाएं।
निर्देश - एक साथ जुड़े हुए आठ पत्तों या पंखुड़ियों को अष्टदल कहा जाता है।
अगर आप अपने घर में प्रथम दिन की पूजा के साथ घटस्थापना भी कर रहे हैं तो आपको निम्नलिखित समाग्री इकट्ठी करनी होगी। आपको बता दें कि, घटस्थापना में मिट्टी या तांबे के कलश की स्थापना करनी होती है, और साथ ही एक पात्र में जौ बोने होते हैं।
4. कलश स्थापना के लिए सामग्री
- मिट्टी या तांबे का कलश
- शुद्ध जल
- नारियल
- एक साथ जुड़े हुए 8 आम के पत्ते (जिसे अष्टदल कहा जाता है)
- नारियल पर बांधने के लिए छोटी लाल चुनरी
- लाल कलावा या मौली
- दो साबुत लौंग
- दो साबुत सुपारी
- दो इलायची
- एक हल्दी की गांठ
- सिक्का
- अक्षत
यदि प्रथम दिन आप अपने घर में घटस्थापना कर रहे हैं तो आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी -
5. जौ बोने के लिए सामग्री
- मिट्टी का बड़ा कटोरा
- कलावा या मौली
- स्वच्छ काली मिट्टी
- जौ और गेहूं के दाने
- स्वच्छ जल
6. श्रृंगार
- लाल चुनरी
- चूड़ी
- इत्र
- नेलपॉलिश
- सिंदूर
- महावर
- बिंदी
- मेहंदी
- काजल
- कंघी
- मंगलसूत्र या कंठहार
- पायल
- होठों की लाली
- कान की बाली
- चोटी में लगाने के लिए रिबन या रबर बैंड
- गजरा
- नथ
- बिछिया
चैत्र नवरात्र में माता को श्रृंगार अर्पण करना बहुत शुभ फलदायी होता है, क्योंकि श्रृंगार माता को बहुत प्रिय है।
7. कन्या पूजन
- कन्याओं के पाँव पखारने के लिए बड़ी थाली
- जल
- लोटा
- हल्दी- कुमकुम
- भोज के पकवान - पुड़ी, चने या आलू की सब्जी, खीर या हलवा
- भेंट स्वरूप देने के लिए आपकी मनचाही वस्तु
कन्या पूजन पूर्णतः अपनी क्षमतानुसार किया जाता है। आप अपनी इच्छानुसार कन्याओं को सच्चे मन से भोज करवाएं और जो भी भेंट स्वरूप देना चाहें, सभी कन्याओं को समान रूप से प्रदान करें।
8. हवन सामग्री
- हवन कुंड
- हविष्य के लिए
- धुप
- जौ
- सूखा नारियल
- गुग्गल
- मखाना
- बेलपत्र
- घी
- सुगंध
- अक्षत
- हवन में अग्नि प्रज्जवलित करने लिए
- रूई
- आम की लकड़ी
- चंदन की लकड़ी
- कर्पूर
- माचिस
- घी
ध्यान दें- यदि आप घर पर हवन सामग्री नहीं बना पा रहें हैं तो आजकल रेडीमेड हवन सामग्री आसानी से बाजारों में उपलब्ध है, आप बाजार से रेडीमेड हवन सामग्री खरीद सकते हैं।
इसके साथ ही आप अपने घर में मंदिर सजाने के लिए सजीले पारदर्शी वस्त्र, झालरें, रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ियां, फूलों की लड़ियां, और बहुत सी सुन्दर कलात्मक चीजों का भी उपयोग कर सकते हैं।
इस सामग्री के साथ आप अपने घर पर बिना किसी त्रुटि के अपनी नवरात्र की पूजा सम्पूर्ण कर सकते हैं। इसी के साथ श्रीमंदिर आपकी नवरात्र की पूजा को सफल बनाने के लिए हर क्षण आपके लिए उपस्थित हैं।
जय माता दी!