डबल ज्योतिर्लिंग संयुक्त विशेष

1,25,000 ओंकारेश्वर महामृत्युंजय मंत्र जाप महापूजा और त्र्यंबकेश्वर शिव रुद्राभिषेक

भय, भावनात्मक और शारीरिक अस्थिरता से सुरक्षा के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
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भय, भावनात्मक और शारीरिक अस्थिरता से सुरक्षा के लिए डबल ज्योतिर्लिंग संयुक्त विशेष 1,25,000 ओंकारेश्वर महामृत्युंजय मंत्र जाप महापूजा और त्र्यंबकेश्वर शिव रुद्राभिषेक

भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देवता माना गया है, इसलिए इन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। भक्त इन्हें प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं जिसमें सबसे प्रचलित महामृत्युंजय मंत्र जाप एवं रूद्राभिषेक है। महामृत्युंजय मंत्र को "मृत्यु पर विजय के लिए महान मंत्र" के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इसकी रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि मृगश्रृंग और सुव्रत की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की, जिससे उन्हें एक पुत्र मार्कंडेय प्राप्त हुआ। लेकिन यह भी बताया कि यह बालक केवल 16 वर्ष की आयु तक जीवित रहेगा। मार्कंडेय जब 15 वर्ष के हुए, तो उनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि उनका जीवनकाल छोटा है। तभी मार्कंडेय ने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गए। जब ​​मार्कंडेय 16 वर्ष के हुए, तो यम उन्हें ले जाने आए, लेकिन मार्कंडेय शिवलिंग से चिपके रहे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें अमरता प्रदान की। यह भी कहा कि जो कोई भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करेगा, वह सभी परेशानियों और अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाएगा।

वहीं महादेव को प्रसन्न करने का एक रामबाण एवं सरल उपाय रुद्राभिषेक बताया गया है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक यानि भगवान शिव को स्नान कराना। कहते हैं कि अगर यह अनुष्ठान किसी पवित्र स्थल पर किया जाए तो यह अत्यंत प्रभावशाली होगा। नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर और गोदावरी नदी के तट पर स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। भगवान शिव यहाँ स्वयंभू रूप में विराजमान हैं। ओंकारेश्वर क्षेत्र की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण, शिव पुराण और वायु पुराण सहित विभिन्न पुराणों में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव तीनों लोकों में भ्रमण करने के बाद रात में विश्राम करने के लिए यहां आते हैं। वहीं, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां एक ही स्थान पर तीन शिवलिंग प्रतिष्ठित हैं, जो त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस महा अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
भय एवं भावनात्मक अस्थिरता से सुरक्षा के लिए
यह पूजा मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करती है, जिससे व्यक्ति को भय, चिंता और असुरक्षा की भावना से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव की कृपा से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है, जिससे जीवन में सुरक्षा और आत्मविश्वास का संचार होता है। है। रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग पर चढ़ाए गए पवित्र पदार्थ जीवन में शुभता और स्थिरता लाते हैं। ज्योतिर्लिंग में किए गए इस अनुष्ठान से भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर व्यक्ति भयमुक्त, साहसी और आत्मनिर्भर बनता है। यह न केवल भय को समाप्त करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता, सुरक्षा और शांति का अनुभव कराता है।
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बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
यह पूजा जीवन में नकारात्मक प्रभावों को कम करती है, जिससे व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। त्र्यंबकेश्वर में किए जाने वाले रुद्राभिषेक में जो पवित्र पदार्थ उपयोग किए जाएंगे उससे आंतरिक अशुद्धियों को दूर कर शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नियमित रूप से इस पूजा का आयोजन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और तनाव, थकान, और कमजोरी जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है। भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति स्वस्थ, संतुलित और ऊर्जावान जीवन व्यतीत करता है।
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धन की प्रचुरता के लिए
भगवान शिव को धन एवं समृद्धि का देवता माना गया है। शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से किए गए महामृत्युंजय जाप एवं रुद्राभिषेक को एक कारगर उपाय बताया गया है। मान्यता है कि अगर यह पूजा ज्योतिर्लिंग में की जाए तो इससे धन की प्रचुरता एवं आर्थिक कल्याण का आशीष प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो और दिव्य आशीर्वाद बॉक्स

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में दिव्य आशीर्वाद बॉक्स प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता द्वीप पर स्थित है। इसे स्वयंभू लिंग माना जाता है और यहां दो स्वरूप में मौजूद है: ममलेश्वर और ओंकारेश्वर। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में इसकी महिमा का वर्णन है। पौराणिक कथा के अनुसार, भोलेनाथ यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं और शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। इसलिए ओंकारेश्वर के दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है, और तीर्थ यात्री यहां सभी तीर्थों का जल अर्पित करते हैं।

वहीं, महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी के तट पर स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को भी विशेष महत्व प्राप्त है। यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां एक ही स्थान पर तीन शिवलिंग प्रतिष्ठित हैं, जो त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि गौतम ने यहाँ शिवलिंग की स्थापना की और भगवान शिव की तपस्या की, जिससे प्रभावित होकर भगवान शिव ने गोदावरी नदी को यहां अवतरित किया। गोदावरी को दक्षिण गंगा के रूप में भी जाना जाता है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे इस और पिछले जन्मों में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। भक्त यहाँ आर्थिक समस्याओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए भगवान शिव की पजा करते हैं। दोनों ज्योतिर्लिंगों की मान्यता और पौराणिक कथाएँ भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इनके दर्शन मात्र से अनेक पापों से मुक्ति और जीवन में शांति प्राप्त होती है।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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