बुखार उतारने के घरेलू उपाय

बुखार उतारने के घरेलू उपाय

इन उपायों से चुटकी में उतर जाएगी बुखार


बुखार उतारने के घरेलू उपाय

बुखार शारीरिक बीमारियों के कारण दिखने वाला एक प्रकार का चिकित्सीय लक्षण है। जिसके कारण हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसा जलवायु परिवर्तन या संक्रमण के कारण हो सकता है। वैसे तो ये कुछ समय के भीतर खुद से ही ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार इसके कारण शरीर का तापमान इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लोग घबरा जाते हैं। कई बार बुखार हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक तंत्र को भी कमजोर करता है। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इस लेख में हम आपको इससे बचने के साथ कुछ घरेलू उपचार के बारे भी बताएंगे।

क्या है बुखार?

बुखार संक्रमण या मौसम में आए बदलाव से होने वाली बीमारी है। ये दो प्रकार के होते हैं, एक साधारण बुखार और एक वायरल बुखार (वायरल फीवर)। साधारण बुखार आम तौर पर आसानी से उतर जाते हैं। वहीं वायरल फीवर थोड़ा ज्यादा परेशान करती है। इसके लक्षण भी साधारण बुखार से थोड़ा अलग होता है। वायरल फीवर में आम तौर पर भूख मर जाती है, जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। जिससे हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है।

बुखार के कारण

आम तौर पर बुखार या वायरल फीवर मौसम के बदलने से इम्यून सिस्टम में आई कमजोरी के कारण होता है। इसके अलावा दूषित जल और भोजन, दूषित वायु या नमी वाले क्षेत्र में रहने के कारण भी हो सकता है। कई बार डर और परेशानी के कारण भी शरीर का तापमान बढ़ जाता है।

वायरल फीवर के लक्षण

वायरल फीवर के लक्षण सामान्य बुखार की तरह ही होते हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज करना कई बार गंभीर हो सकती है। वायरल फीवर हवा और पानी से फैलने वाला संक्रमण है। ज्यादातर यह बरसात के मौसम होता है। मौसम में आए बदलाव के कारण बच्चों में वायरल फीवर की संभावना ज्यादा होती है। इस दौरान बच्चों में थकावट, खांसी, जुकाम, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा कुछ और भी लक्षण दिख सकते हैं, जैसे- थकान, पूरे शरीर में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, जोड़ों में दर्द, त्वचा के ऊपर रैशेज, सर्दी लगना, गले में दर्द, सिर दर्द, आंखों में लाली और जलन वायरल फीवर या सामान्य बुखार के लक्षण हो सकते हैं। सामान्य बुखार 2 से 3 दिन में ठीक हो जाते हैं, वहीं वायरल बुखार ठीक होने में 5-6 दिन भी लग सकता है। सही इलाज के अभाव में यह 12-14 दिन तक भी रह सकता है।

वायरल फीवर से बचाव के घरेलू उपाय

वायरल फीवर से बचाव के बहुत ही साधारण उपाय है। अपने जीवनशैली में थोड़ा-बहुत बदलाव कर हम आसानी से वायरल फीवर से बच सकते हैं। इसके लिए बदलते मौसम के दौरान हमें खाने में उबली हुई और हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा खाना चाहिए। इस मौसम में दूषित पानी और देर का बना हुआ भोजन खाने से भी बचना चाहिए। कोशिश करें कि पानी को पीने से पहले उबाल लें, और थोड़ा गुनगुना पानी ही पिएं। पहले से वायरल फीवर से ग्रस्त रोगियों के संपर्क में आने से बचें।

वायरल बुखार से बचाव के घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे

आम तौर पर वायरल फीवर से छुटकारा पाने के लिए लोग घरेलू नुस्खों को पहले अपनाते हैं। ये काफी कारगर भी माना गया है और ये घरों में आसानी से उपलब्ध भी होते हैं। ये काफी सस्ता और बिना किसी साइड इफेक्ट के होते हैं। तो आइये विस्तार से जानते हैं, वायरल फीवर से राहत के लिए घरेलू उपाय।

अदरक

अदरक से वायरल बुखार में होने वाले दर्द से राहत मिलता है। इसके लिए अदरक के पेस्ट में थोड़ा शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर खाना चाहिए। अदरक में कई औषधीय गुण होते हैं। जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। सर्दी जुकाम में भी अदरक काफी फायदेमंद होता है।

मेथी

मेथी वायरल फीवर और सामान्य फीवर दोनों में काफी लाभदायक होता है। इसके लिए मेथी के दानों को एक ग्लास पानी में डालकर रात भर भीगने के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस पानी को छान लें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हर दो घंटे में पीएं। इससे वायरल फीवर में काफी आराम मिलता है।

दालचीनी

दालचीनी प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करता है। दालचीनी वायरल फीवर के दौरान खांसी और जुकाम के साथ गले में दर्द से आराम दिलाता है। इसके लिए एक कप पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और दो इलायची डालकर करीब पांच मिनट तक उबालें, इसके बाद इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर पीएं।

धनिया

धनिया वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। धनिया में पाये जाने वाले तेल वायरल फीवर को ठीक करने में कारगर माना गया है।

किशमिश

किशमिश हमारे शरीर का इम्यूनिटी को मजबूत करता है। ये वायरल फीवर में काफी कारगर माना गया है। इसके लिए एक कप पानी में कुछ किशकिश भीगने दें, आधे घंटे के बाद इसे उसी पानी में पीस लें और छानकर इसमें आधा नींबू का रस मिलाकर पिएं। इससे बदन दर्द के साथ बुखार उतारने में मदद मिलेगी।

तुलसी

तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं। ये वायरल फीवर के साथ सर्दी-खांसी में काफी फायदेमंद माना गया है। इसके लिए 5-7 तुलसी के पत्ते और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबालें, और ठंडा होने पर छानकर रख लें और हर दो घंटे के अंतराल में आधा कप पिएं। इससे वायरल फीवर में आराम मिलता है।

गिलोय

गिलोय को इम्यूनिटी बूस्टर भी कहते हैं। ये वायरल फीवर में काफी लाभदायक होता है। इसके लिए एक अंगुल मोटी गिलोय को लेकर 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब पानी 100 मिलीलीटर के आसपास बचे तो इसके ठंडा होने के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे पिएं। आम तौर पर वायरल फीवर को आम बीमारी ही माना जाता है, लेकिन मेरी सलाह है कि जब इसके लक्षण जटिल होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस दौरान खानपान का भी विशेष ख्याल रखें, क्योंकि बुखार में सबसे ज्यादा भूख नहीं लगने की समस्या सामने आती है। ऐसे में खाने-पीने का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

Disclaimer: यह लेख सामान्य रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर है। अगर इन घरेलू उपायों के बाद किसी तरह की परेशानी महसूस करते हैं, तो इसे बिल्कुल न करें और तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें। कोशिश करें कि ये सभी उपाय किसी जानकार शख्स के देख-रेख में करें।

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