गोवर्धन पूजा आरती | Govardhan Puja Aarti
गोवर्धन पूजा में भगवान श्रीकृष्ण की आरती का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह दिन उनकी गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला को समर्पित है। आरती करते समय भक्त भगवान की कृपा और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं, जैसे भगवान ने गोकुलवासियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा के दिन आरती करना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस आरती के माध्यम से भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए उनसे जीवन में हमेशा आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की जाती है। जानिए कैसे करें गोवर्धन पूजा की आरती।
आरती श्री गोवर्धन महाराज की
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरे गले को कण्ठा सज रहेओ ठोड़ी पे हीरा लाल!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ तेरी झांकी बनी विशाल!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरी सात कोस की परिक्रमा, चकलेश्वर है विश्राम!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
गिरिराज धारण प्रभु मेरी शरण करो भक्त का बेड़ा पार तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!