भैरव आरती | Bhairav Baba Ki Aarti
भैंरव बाबा शिवजी के अवतार हैं। जिनके नाम का अर्थ हैं जो देखने में भयंकर और भय की रक्षा करते हो। भैंरव बाबा की नित्य आरती और पूजा करने से घर में नकारत्मक शक्तियों का आगमन नहीं होता है और शारारिक बाधा भी नहीं आती है। साथ ही बाबा भैंरवनाथ को प्रसन्न करने से वे अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं। तो आइए पढ़ते है भैंरव बाबा की आरती।
भैरव बाबा जी की आरती | Bhairav Aarti
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ॥ जय भैरव …
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ जय भैरव …
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी । महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥ जय भैरव …
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे । चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥ जय भैरव …
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी । कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥ जय भैरव …
पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत । बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥ जय भैरव …
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे । कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥ जय भैरव …
॥ इति श्री भैरव आरती संपूर्णम् ॥