कैला देवी आरती | Kaila Devi Aarti
कैला देवी बहुत ही दयालु हैं वे अपने भक्तों की सभी मुरादेंं पूरी करती है। मैया अपने भक्तों की जाने अनजाने में हुई गलतियों को भी माफ कर देती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त रोज कैला देवी की आरती (Kela Devi Ki Aarti) करता है, उसके सारे कार्य बन जाते हैं । रोज माँ कैला देवी की आरती पढ़ने वाला भक्त धन, बल, विद्या और बुद्धि से परिपूर्ण होता है और जीवन में उन्नति करता है। इसी के साथ सुबह-शाम कैला देवी की आरती (Kaila Maiya Ki Aarti) पढ़ने से भूत प्रेत का साया कभी नहीं सताता और जातक के जीवन से दरिद्रता व दु:खों का नाश होता है। तो आइए पढ़ते है कैला देवी की आरती (Kaila Devi Aarti in Hindi) सरल भाषा में।
कैला जी की आरती | Aarti Kaila Mata Ji Ki
ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी ॥ ॐ जय कैला रानी (१)
तुम हो शक्ति भवानी, मन वांछित फल दाता I अद्भुत रूप अलौकिक, सदानन्द माता II ॐ जय कैला रानी (२)
गिरि त्रिकूट पर आप, बिराजी चामुंडा संगा I भक्तन पाप नसावौं, बन पावन गंगा II ॐ जय कैला रानी (३)
भक्त बहोरा द्वारे रहता, करता अगवानी I लाल ध्वजा नभ चूमत, राजेश्वर रानी II ॐ जय कैला रानी (४)
नौबत बजे भवन में, शंक नाद भारी I जोगन गावत नाचत, दे दे कर तारी II ॐ जय कैला रानी (५)
ध्वजा नारियल रोली, पान सुपारी साथा I लेकर पड़े प्रेम से, जो जन यहाँ आता II ॐ जय कैला रानी (६)
दर्श पार्श कर माँ के, मुक्ती जान पाता I भक्त सरन है तेरी, रख अपने साथा II ॐ जय कैला रानी (७)
कैला जी की आरती, जो जन है गाता I भक्त कहे भव सागर, पार उतर जाता II ॐ जय कैला रानी (८)
ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी I ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी II ॐ जय कैला रानी……
॥ श्री कैला माता जी की आरती सम्पूर्ण ॥