शिव जी की भक्ति के लिए श्रावण का सोमवार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और इस बार, यानि साल 2023 में अधिकमास होने के कारण श्रावण मास दो महीने तक रहेगा। श्रावण व सोमवार दोनों ही शिव जी को विशेष प्रिय हैं, ऐसे में भक्तों के पास भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अधिक समय होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि अधिक मास का पहला सावन सोमवार व्रत कब है और उसकी पूजा विधि क्या है। आइए जानते हैं।
2023 के श्रावण अधिकमास का प्रथम सोमवार कब है-
श्रावण अधिकमास का प्रथम सोमवार, 24 जुलाई को शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर पड़ रहा है।
षष्ठी तिथि 23 जुलाई, रविवार को दिन में 11 बजकर 44 मिनट पर प्रारंभ होगी।
षष्ठी तिथि 24 जुलाई, सोमवार को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। आइए आगे जानते है अधिक मास श्रावण के प्रथम सोमवार के शुभ मुहूर्त के बारे में।
श्रावण अधिकमास के प्रथम सोमवार का शुभ मुहूर्त-
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 03 बजकर 57 मिनट से प्रातः 04 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 18 मिनट से सुबह 05 बजकर 21 मिनट तक होगा।
अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
विजय मुहूर्त दिन में 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 06 बजकर 48 मिनट से 07 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।
सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 06 बजकर 48 मिनट से 07 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
इस दिन अमृत काल दोपहर 03 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा
विशेष योग- श्रावण अधिकमास के प्रथम सोमवार पर रवि योग भी बन रहा है। ये योग सुबह 05 बजकर 21 मिनट से रात 10 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
तो भक्तों, इस साल आपके पास भगवान विष्णु व शिव जी, दोनों की कृपा पाने का अवसर है। अधिकमास के दौरान जहां शिव भक्तों को भगवान शिव की आराधना के लिए अधिक समय मिल रहा है, वहीं ये समय भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए भी उत्तम है। श्रावण अधिकमास काल में जो जातक व्रत उपवास न कर सकें, वो यथा संभव दान-पुण्य करें, और श्रद्धापूर्वक भगवान शिव व श्री हरि का सुमिरन करें, ऐसा करने से भी भगवान प्रसन्न होंगे, और सभी अभिलाषाएं पूर्ण करेंगे।
तो यह थी श्रावण अधिकमास के प्रथम सोमवार के शुभ मुहूर्त, तिथि व महत्व से जुड़ी पूरी जानकारी। इस पवित्र मास में आप भी व्रत अनुष्ठान करें, और अधिक से अधिक धर्म कर्म करें। भगवान शिव व भगवान विष्णु निश्चय ही आपके सभी दुःख दूर करेंगे। आइए अब जानते हैं कि अधिक मास श्रावण के प्रथम सोमवार की पूजा विधि क्या है।
श्रावण अधिकमास के प्रथम सोमवार की पूजा विधि
इस कल्याणकारी दिन पर ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद आप स्नान आदि करके सभी नित्य कर्मों से निवृत हो जाएं। तत्पश्चात् स्वच्छ कपड़े धारण करके सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। फिर मंदिर जाकर भगवान शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। भगवान शिव को पंचामृत अतिप्रिय है इसलिए जल के बाद आप शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
इसके बाद भगवान शिव को पुष्प,फल, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही, घी, शहद, चंदन,रोली, तुलसी दल, बेलपत्र आदि अर्पित करें और शिव चालीसा पढ़ें। इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करना इस दिन बेहद शुभ माना जाता हैं।
साथ ही घर के मंदिर में भी भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और उन्हें तिलक लगाकर पूजा सामग्री और भोग अवश्य अर्पित करें। इसके बाद श्रावण सोमवार की व्रत कथा सुने और श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती उतारें। फिर उनके आशीष की कामना करें और अंत में प्रसाद वितरित करें।
आपको बता दें श्रावण के प्रथम सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है, इसलिए इस दिन फलाहार करके व्रत रखें। ध्यान रखें व्रत में नमक का सेवन बिल्कुल भी ना करें। संध्याकाल में विधिपूर्वक भगवान की पूजा पाठ करने के बाद ही व्रत का पारण कर सकते हैं।
तो यह थी श्रावण सोमवार की पूजा विधि आगे पढ़ें अधिक मास श्रावण के प्रथम सोमवार के व्रत की कथा और पाएं महादेव का आशीर्वाद।