बृहस्पति गृह (Brihaspati Grah)
बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे गैस दानव भी कहा जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से गैसों से बना है। इसकी विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें सौरमंडल के सभी अन्य ग्रहों का द्रव्यमान मिलाकर भी बृहस्पति के द्रव्यमान का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं होगा।
बृहस्पति गृह की खास बातें
- बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना बड़ा है।
- यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बना है।
- बृहस्पति की सबसे खास पहचान है इसका ग्रेट रेड स्पॉट। यह एक विशाल तूफान है जो पिछले 300 साल से चल रहा है।
- बृहस्पति ग्रह की पूजा करने से सभी प्रकार की सुख समृद्धि मिलती है।
- गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए।
- गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
- गुरुवार के दिन सुबह या शाम के समय विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
- बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक है कि यह सौरमंडल के अन्य ग्रहों को प्रभावित करता है।
बृहस्पति का महत्व (Importance of Brahaspati)
हिंदू धर्म में बृहस्पति को देवगुरु कहा जाता है। ज्योतिष में बृहस्पति को ज्ञान, धन और विवाह का कारक माना जाता है। बृहस्पति को सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर भी कहा जाता है। यह धूमकेतुओं और क्षुद्रग्रहों को अपनी ओर खींच लेता है, जिससे पृथ्वी को इनसे होने वाले खतरे से बचाता है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवन की उत्पत्ति बृहस्पति जैसे ग्रहों पर हुई होगी और फिर अन्य ग्रहों पर पहुंची।
बृहस्पति ग्रह का मूल मंत्र (Brihaspati Grah Mool Mantra)
बृहस्पति ग्रह का मूल मंत्र है, 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः'। इसके अलावा, बृहस्पति ग्रह के लिए 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः' मंत्र का भी जाप किया जाता है। बृहस्पति ग्रह को मज़बूत करने के लिए, गुरुवार के दिन इन मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
बृहस्पति मंत्र का महत्व (Importance of Brihaspati Mantra)
- बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक बढ़ता है।
- बृहस्पति को धन का कारक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को धन लाभ होता है।
- बृहस्पति को विवाह का कारक भी माना जाता है। कुंडली में बृहस्पति कमजोर होने पर विवाह में बाधाएं आती हैं। इस मंत्र का जाप करने से विवाह में सफलता मिलती है।
- बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है।
- बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र कैसे पढ़ें?
- मंत्र जाप करने से पहले स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें।
- एक शांत और स्वच्छ जगह चुनें जहां कोई आपको परेशान न करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें।
- सूर्योदय के समय मंत्र जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। शाम को सूर्यास्त के समय भी मंत्र जाप किया जा सकता है।
- गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इस दिन बृहस्पति मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
- बृहस्पति मंत्र का जाप करते समय पीले रंग की रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए।
- आप अपनी सुविधा के अनुसार बृहस्पति मंत्र का जाप कर सकते हैं। 108 या 1008 बार का जाप करना शुभ माना जाता है।
बृहस्पति गृह मूल मंत्र पढ़ने के फायदे
ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक बढ़ता है। यह ज्ञान प्राप्ति में सहायक होता है।
धन लाभ
बृहस्पति को धन का कारक माना जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को धन लाभ होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
विवाह में सफलता
कुंडली में बृहस्पति कमजोर होने पर विवाह में बाधाएं आती हैं। इस मंत्र का जाप करने से विवाह में सफलता मिलती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
मान-सम्मान में वृद्धि
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है और लोग उसका आदर करते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
स्वास्थ्य लाभ
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और बीमारियों से बचा रहता है।
आत्मविश्वास में वृद्धि
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।
शांति और स्थिरता
बृहस्पति मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
बृहस्पति गृह (Brihaspati Grah): FAQs
Q1. बृहस्पति ग्रह को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?
Ans. बृहस्पति ग्रह को शांत करने के लिए गरीबों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें। गुरुवार का व्रत रखें। लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। केले के पेड़ की पूजा करें। 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' मंत्र का जाप करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
Q2. बृहस्पति खराब होने के क्या लक्षण है?
Ans. यदि बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति को पढ़ाई में मन नहीं लगता, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और शिक्षा में बाधाएं आती हैं। व्यक्ति को धन हानि हो सकती है, आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है और कर्ज में डूबने का खतरा रहता है। विवाह में देरी हो सकती है या विवाह में बाधाएं आ सकती हैं।
Q3. बृहस्पति को खुश कैसे करें?
Ans. बृहस्पति मंत्र का नियमित जाप करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं। कुछ प्रमुख मंत्र हैं- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः, ॐ बृं बृहस्पतये नमः। पीले रंग के वस्त्र पहनें, पीले फूल चढ़ाएं और पीले रंग की चीजों का दान करें। पीले चने और गुड़ का दान करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं।