मांगलिक दोष (Manglik Dosh)
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, मांगलिक दोष होना आम बात है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या बारहवें भाव में हो, तो उसे मांगलिक दोष माना जाता है। माना जाता है कि मंगल दोष से वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।
विकिपीडिया के अनुसार, लगभग 40% आबादी मांगलिक मानी जाती है। कुछ लोग प्रबल मांगलिक हो सकते हैं और कुछ लोग हल्के मांगलिक हो सकते हैं। हल्के दोष का इलाज किसी पुजारी या ज्योतिषी की देखरेख में प्रार्थना या मंत्रोच्चार से किया जा सकता है।
मांगलिक दोष क्या होता है? (What is Manglik Dosh)
मांगलिक दोष हिंदू ज्योतिष शास्त्र में एक जन्मकुंडली संबंधी एक ऐसा योग है जिसे विवाह से जोड़ा जाता है। यह मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, उसका विवाह सामान्य व्यक्ति से नहीं हो सकता। ऐसा माना जाता है कि मांगलिक व्यक्ति के विवाह से जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है।
मांगलिक दोष से जुड़ी कुछ बातें:
- माना जाता है कि मांगलिक दोष से शारीरिक क्षमताओं में कमी, क्षीण आयु, रोग द्वेष और कलह-क्लेश होता है।
- मांगलिक व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल और अहंकारी हो जाता है।
- वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, मांगलिक दोष को खतरनाक दोषों में से एक माना जाता है।
- अगर मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती है, तो मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
- माना जाता है कि मंगल मेष या वृश्चिक राशि में हो, तो भी मांगलिक दोष समाप्त माना जाता है।
- मंगल मकर राशि में हो, तो मांगलिक दोष निरस्त हो जाता है.
- माना जाता है कि अगर लड़का या लड़की में से कोई एक मांगलिक है और दूसरा नहीं है, तो भी मांगलिक दोष नहीं होता।
मांगलिक दोष कैसे पता चलता है (Manglik Dosh Kaise Pata Chalta Hai)
जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है, तो मांगलिक दोष माना जाता है। ये भाव विवाह, सुख, पारिवारिक जीवन आदि से संबंधित होते हैं। मंगल के अन्य ग्रहों के साथ होने वाले संबंध भी मांगलिक दोष को प्रभावित करते हैं।
आइए जानते हैं मांगलिक दोष पता लगाने का तरीके:
जन्म कुंडली
एक कुशल ज्योतिषी ही जन्म कुंडली का गहन अध्ययन करके मांगलिक दोष का पता लगा सकता है।
जन्म समय और स्थान
जन्म समय और स्थान भी कुंडली बनाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
ग्रहों की स्थिति
मंगल के अलावा अन्य ग्रहों की स्थिति भी मांगलिक दोष को प्रभावित कर सकती है।
मांगलिक दोष के कुछ लक्षण:
- संपत्ति को लेकर विवाद
- रक्त से जुड़ी बीमारियां
- मुकदमे में फंसना
- आत्मविश्वास और साहस का कमज़ोर होना
- हिंसक स्वभाव
- कर्ज़
- वैवाहिक जीवन में कड़वाहट
- भाई से हमेशा विवाद
मांगलिक दोष के उपाय (Manglik Dosh ke Upay)
मांगलिक दोष को दूर करने के लिए कई उपाय बताए जाते हैं। ये उपाय मुख्य रूप से ज्योतिष शास्त्र पर आधारित होते हैं और इनका उद्देश्य मंगल ग्रह को शांत करना और विवाह जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करना होता है।
मांगलिक व्यक्ति से विवाह
एक मांगलिक व्यक्ति का विवाह दूसरे मांगलिक व्यक्ति से करवाने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के दुष्प्रभावों को निष्क्रिय कर देते हैं।
पूजा-पाठ
मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी, भगवान शिव और माता दुर्गा की पूजा की जाती है। मंगलवार के दिन व्रत रखना और मंगल स्तोत्र का पाठ करना भी लाभदायक माना जाता है।
दान
गरीबों को लाल रंग की वस्तुएं, दाल, चावल, गेहूं आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
मंत्र जाप
मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है।
रत्न
मंगल ग्रह का रत्न मोती धारण करने की सलाह दी जाती है।
वास्तु उपाय
घर में कुछ विशेष वास्तु उपाय करके भी मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मांगलिक दोष का निवारण कैसे करें (Manglik Dosh Ka Nivaran)
- मंगलवार के दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर हनुमान जी की पूजा करें।
- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- मंगलवार के दिन लाल रंग की चीज़ें जैसे मसूर दाल, लाल मिर्च, लाल रंग की मिठाई, लाल रंग का वस्त्र आदि दान करें।
- मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बांटे।
- बड़े मंगल के दिन हनुमान जी को चोला अर्पित करें और मंदिर में ध्वजा का दान करें।
- बंदरों को गुड़ व चना भी खिलाएं।
- भात पूजा करें।
- विवाह से पहले नीम का पेड़ लगाएं और कम से कम 43 दिनों तक पेड़ की देखरेख करें।
- 43 दिनों तक सफ़ेद सुरमा लगाएं।
- घर आए अतिथियों को मिठाई खिलाएं।
- शिव जी की पूजा करें।
- बड़े भाई की सेवा और सम्मान करें।
- घर के बड़े सदस्यों की सेवा करें।
- रक्तदान करें।
- लाल रंग की गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं।
मांगलिक दोष निवारण पूजा (Manglik Dosh Nivaran Puja)
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह को युद्ध और विनाश का कारक माना जाता है। जब मंगल ग्रह कुंडली के कुछ विशेष स्थानों पर स्थित होता है, तो मांगलिक दोष का निर्माण होता है। ऐसा माना जाता है कि मांगलिक व्यक्ति के विवाह से जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है। इसीलिए मांगलिक दोष को दूर करने के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। आइए जानते हैं मांगलिक दोष निवारण के लिए क्या करें:
- मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप किया जाता है।
- बड़े मंगल से मंगलवार का व्रत शुरू करके कम से कम 21 मंगलवार व्रत रखें।
- इस दिन लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी की पूजा करें और सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शाम के समय 8 बजे के बाद ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः या ऊँ भौं भौमाय नम: मंत्र का 10 हजार बार जप करें।
- मंगलवार को लाल रंग की चीज़ें जैसे मसूर दाल, लाल मिर्च, लाल रंग की मिठाई, लाल रंग का वस्त्र आदि दान करें।
- मंगलवार को बाग या गार्डन में अशोक का पेड़ लगाएं।
- भात पूजन कराएं। उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां भात पूजन होता है।
- कुंभ विवाह कराएं। कुंभ विवाह का मतलब है विवाह से पहले किसी घड़े के साथ विवाह कराना और इसके बाद घड़े को फोड़ देना।
कौन सी पूजाएं की जाती हैं?
हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना जाता है। उनकी पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
भगवान शिव की पूजा
भगवान शिव को शक्तिशाली देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के दोषों का नाश होता है।
माता दुर्गा की पूजा
माता दुर्गा सभी प्रकार के दुखों का नाश करने वाली हैं। उनकी पूजा करने से मन शांत होता है और सभी समस्याएं दूर होती हैं।