सीता राम सीता राम कहिये भजन | Sita Ram Sita Ram Kahiye
सीता राम सीता राम कहिये, ये भजन आपको एक गहरी भक्ति और शांति का अहसास कराता है। इस भजन के माध्यम से आप श्री राम और माता सीता के नाम का उच्चारण करके मानसिक शांति और आंतरिक अनुभूति महसूस करते हैं।
जब आप इसे गाते हैं, तो हर शब्द और हर रचना में राम और सीता की दिव्य उपस्थिति का अनुभव होता है। इस भजन को गाकर आप अपनी भक्ति को मज़बूत बना सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह महसूस कर सकते हैं।
सीता राम सीता राम कहिये लिरिक्स | Sita Ram Sita Ram Kahiye Lyrics
सीता राम सीता राम,
सीताराम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये।
मुख में हो राम नाम,
राम सेवा हाथ में,
तू अकेला नाहिं प्यारे,
राम तेरे साथ में ।
विधि का विधान जान,
हानि लाभ सहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ॥
सीता राम सीता राम,
सीताराम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ।
किया अभिमान तो फिर,
मान नहीं पायेगा,
होगा प्यारे वही जो,
श्री रामजी को भायेगा ।
फल आशा त्याग,
शुभ कर्म करते रहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ॥
सीता राम सीता राम,
सीता राम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ।
ज़िन्दगी की डोर सौंप,
हाथ दीनानाथ के,
महलों मे राखे चाहे,
झोंपड़ी मे वास दे ।
धन्यवाद निर्विवाद,
राम राम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ॥
सीता राम सीता राम,
सीता राम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ।
आशा एक रामजी से,
दूजी आशा छोड़ दे,
नाता एक रामजी से,
दूजे नाते तोड़ दे ।
साधु संग राम रंग,
अंग अंग रंगिये,
काम रस त्याग प्यारे,
राम रस पगिये ॥
सीता राम सीता राम,
सीताराम कहिये,
जाहि विधि राखे राम,
ताहि विधि रहिये ।