श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी | Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

यह भजन विशेष रूप से भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जो भक्तों को ध्यान और भक्ति के भाव में लाने में मदद करता है। इसके मधुर स्वर और लय भक्तों के मन को मोह लेते हैं और एक दिव्य अनुभव प्रदान करते हैं।


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी | Shri Krishna Govind Hare Murari

"श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" एक बहुत फेमस और प्रचलित भजन है, जिसे सुनकर आप भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का अनुभव कर सकते हैं। इस भजन में भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न नामों से संबोधित किया गया है, जैसे गोविन्द, हरे, मुरारी, और नारायण।

जब आप इस भजन को गाते हैं, तो यह आपके दिल में शांति और श्रद्धा के भाव पैदा करता है। आप भगवान श्रीकृष्ण से अपने जीवन के सभी दुखों और कठिनाइयों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं, और यह भजन आपके भीतर भक्ति और सकारात्मकता की भावना को जागृत करता है।

इस भजन का जाप करते समय, आपको उनके प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास महसूस होता है, और यह आपकी आत्मा को शांति प्रदान करता है।

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स | Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे,

तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

हे नाथ नारायण...॥

पितु मात स्वामी, सखा हमारे,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

हे नाथ नारायण...॥

॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी...॥

बंदी गृह के, तुम अवतारी

कही जन्मे, कही पले मुरारी

किसी के जाये, किसी के कहाये

है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥

है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥

गोकुल में चमके, मथुरा के तारे

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

पितु मात स्वामी, सखा हमारे,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे

बट गए दोनों में, आधे आधे

हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल

सदैव भक्तों के, काम साधे ॥

सदैव भक्तों के, काम साधे ॥

वही गए वही, गए वही गए

जहाँ गए पुकारे

हे नाथ नारायण वासुदेवा॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

पितु मात स्वामी सखा हमारे,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

गीता में उपदेश सुनाया

धर्म युद्ध को धर्म बताया

कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा

यह सन्देश तुम्ही से पाया

अमर है गीता के बोल सारे

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

पितु मात स्वामी सखा हमारे,

हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

त्वमेव माता च पिता त्वमेव

त्वमेव बंधू सखा त्वमेव

त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव

त्वमेव सर्वं मम देव देवा

॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी...॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥

हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल ॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा

राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥

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