साँसों की माला पे सिमरूं मैं भजन | Sanso Ki Mala Pe Simru Main Bhajan
"साँसों की माला पे सिमरूं मैं" ये भजन आपको भक्ति और आत्मिक शांति की एक नई दुनिया में ले जाता है। इस भजन में भगवान के प्रति प्रेम, समर्पण, और श्रद्धा को बड़े ही सरल और भावना से जुड़े शब्दों में व्यक्त किया गया है। जैसे ही आप इसे सुनते हैं, यह आपके मन को शांत करता है और आपको भीतर से ईश्वर के पास लाता है।
यह भजन आपकी रोजमर्रा की चिंताओं को भुलाकर आपको भक्ति में लीन होने का अवसर देता है। इसे सुनते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे आपकी हर सांस भगवान का नाम जप रही हो।
साँसों की माला पे सिमरूं मैं लिरिक्स | Sanso Ki Mala Pe Simru Main Lyrics
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम ॥
जीवन का श्रृंगार है प्रीतम, माँग का सिन्दूर,
माँग का सिन्दूर,
जीवन का श्रृंगार है प्रीतम, माँग का सिन्दूर,
प्रीतम की नज़रों से गिरकर, जीना है किस काम,
प्रीतम की नज़रों से गिरकर, जीना है किस काम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,॥
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,
बन गया एक ही रूप,
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,
प्रेम की माला जपते जपते, आप बनी मैं श्याम,
प्रेम की माला जपते जपते, आप बनी मैं श्याम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,॥
प्रीतम का कुछ दोष नहीं है वो तो है निर्दोष,
वो तो है निर्दोष,
अपने आप से बातें कर के, हो गयी मैं बदनाम,
अपने आप से बातें कर के, हो गयी मैं बदनाम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,॥
प्रेम पियाला जब से पिया है, जी का है ये हाल,
जी का है ये हाल,
प्रेम पियाला जब से पिया है, जी का है ये हाल,
अंगारों पे नींद आ जाए, काँटों पे आराम,
अंगारों पे नींद आ जाए, काँटों पे आराम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,॥
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,॥