मैं बालक तू माता शेरां वालिए | Main Balak Tu Mata Sherawaliye Bhajan
"मैं बालक तू माता शेरां वालिए" ये एक ऐसा भजन है जिसे आप सुनते हैं, तो आप एक गहरी भावनात्मक यात्रा पर निकलते हैं। इस भजन में, आप अपनी भावनाओं को माँ के प्रति प्रकट करते हैं।
इस भजन के बोल आपके दिल को छू लेते हैं और आपको एहसास होता है कि माँ की छांव में कितनी शक्ति और सुकून होता है। जैसे-जैसे आप भजन को गाते हैं, आप अपनी माँ की दया, प्रेम और सहानुभूति का अनुभव करते हैं। आप माँ को एक ताकतवर शेरनी के रूप में देख रहे हैं, जो अपने बच्चों की रक्षा करती है और उन्हें हर कठिनाई से बचाती है।
यह भजन आपको याद दिलाता है कि माँ का प्रेम अनमोल है और वह हमेशा आपके साथ है। जब आप इस भजन में खो जाते हैं, तो आप अपने अंदर की कमजोरी को छोड़कर, माँ की शक्ति को अपने जीवन में अपनाते हैं।
मैं बालक तू माता लिरिक्स | Main Balak Tu Mata Lyrics
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥
तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है,
तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है।
तुने बुद्धि, तुने साहस, तुने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने के वरदान दिया माँ।
तू है भाग्य विधाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥
जब से दो नैनो में तेरी पावन ज्योत समायी,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई ।
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,
निशदिन करे जो तेरी सेवा मैं वो दास हूँ तेरा ।
रहूँ तेरे गुण गाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥