चली जा रही है उमर धीरे धीरे भजन | Chali Ja Rahi Hai Umar Bhajan
ये भजन जीवन के समय और उसकी एहमियत पर गहरी सोच पैदा करता है। जब आप इस भजन को गाते हैं, तो यह आपको यह एहसास दिलाता है कि समय बहुत तेजी से निकल जाता है, और हमें इसे समझदारी से जीना चाहिए और भगवान की भक्ति में लगाना चाहिए। जीवन के हर पल को सही दिशा में लगाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय कभी वापस नहीं आता।
इस भजन के माध्यम से आप यह समझते हैं कि हर एक दिन और हर एक पल भगवान की ओर से एक उपहार है, जिसे हमें कृतज्ञता और भक्ति से बिताना चाहिए। जब आप इस भजन को मन से गाते हैं, तो आपकी आत्मा को शांति मिलती है और आपको यह याद दिलाया जाता है कि जीवन के हर क्षण को प्यार और समर्पण से भक्ति में लगाते हुए जीना चाहिए।
चली जा रही है उमर धीरे धीरे लिरिक्स | Chali Ja Rahi Hai Umar Lyrics
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥
बचपन भी जाए जवानी भी जाए,
बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यू आठौँ पहर धीरे धीरे ॥
तेरे हाथ पावों में बल ना रहेगा,
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यू आठौँ पहर धीरे धीरे ॥
शिथिल अंग होंगे एक दिन तुम्हारे,
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यू आठौँ पहर धीरे धीरे ॥
बुराई से मन को अपने हटाले,
सुधर जाए तेरा जीवन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यू आठौँ पहर धीरे धीरे ॥
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे ॥