भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे | Bhor Bhai Din Chad Gaya Meri Ambey
"भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे" ये एक बहुत ही पुराना और फेमस भजन है, जिसे आप माँ दुर्गा की आराधना के लिए गाते हैं। इस भजन में, आप सुबह के समय माँ अम्बे से प्रार्थना करते हैं, उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
इस भजन में आप माँ से आशीर्वाद मांगते हैं कि वे आपके जीवन में मार्गदर्शन करें, समृद्धि और शांति लाएं। यह भजन आपकी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है, जो आपको माँ के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
यह भजन आपको शक्ति और प्रेरणा प्रदान करता है, जिससे आप अपनी दिनचर्या में सकारात्मकता ला सकते हैं।
भोर भई दिन चढ़ गया लिरिक्स | Bhor Bhai Din Chad Gaya Lyrics
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे दरबारा वाली आरती जय माँ ।
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावां विच बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ ।
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सर्व सोने दी आरती बनावा,
अगर कपूर पावां बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,
कौन जागेगा सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सच्चिया ज्योतां वाली आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,
ज्योत जागेगी सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ ॥