अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो भजन | Are Dwarpalo Bhajan
"अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो" ये कृष्ण जी का एक ऐसा भजन है जिसे बहुत ज्यादा सुना और गाया जाता है, इसे सुनते हुए, आप स्वयं को भगवान श्रीकृष्ण के द्वार पर खड़ा पाते हैं, जहां हर पंक्ति आपको उनके प्रति अपनी प्रार्थनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करने का मौक़ा देती है।
इस भजन में आपकी भक्ति और प्रेम झलकता है, जब आप द्वारपालों से यह प्रार्थना करते हैं कि वे आपके संदेश को कन्हैया तक पहुंचाएं। जैसे ही आप इसे गुनगुनाते हैं, आपके मन का बोझ हल्का हो जाता है और हृदय भक्ति से भर जाता है। भजन की हर स्वर लहरी आपको कृष्ण के प्रेम में डुबो देती है, ऐसा लगता है जैसे वे आपकी पुकार सुनकर आपके पास आने को तैयार हैं। यह भजन आपको ईश्वर से जुड़ने का अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स | Are Dwarpalo Kanhaiya Se Lyrics
देखो देखो यह गरीबी,
यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विश्वास ले के आया हूँ।
मेरे बचपन का दोस्त हैं मेरा श्याम,
यही सोच कर मैं आस ले कर के आया हूँ ॥
अरे द्वारपालों कहना से कह दो,
दर पे सुदामा गरीब आ गया है।
भटकते भटकते ना जाने कहाँ से,
तुम्हारे महल के करीब आ गया है॥
ना सर पे हैं पगड़ी, ना तन पे हैं जामा
बतादो कन्हिया को नाम है सुदामा।
इक बार मोहन से जाकर के कहदो,
मिलने सखा बदनसीब आ गया है॥
सुनते ही दोड़े चले आये मोहन,
लगाया गले से सुदामा को मोहन।
हुआ रुकमनी को बहुत ही अचम्भा,
यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है॥
और बराबर पे अपने सुदामा बिठाये,
चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाये।
न घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,
ख़ुशी का समा तेरे करीब आ गया है।