आजु मिथिला नगरिया निहाल भजन | Aaj Mithila Nagariya Nihal Bhajan
आजु मिथिला नगरिया निहाल, ये भजन आपको मिथिला नगरी के अद्भुत उल्लास और पवित्रता का अनुभव कराता है। जब भगवान राम और माता सीता का पावन मिलन हुआ, तब पूरी नगरी खुशियों और उत्सव में डूबी हुई थी। यह भजन आपको उस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक समय में ले जाता है, जहाँ हर घर में दीप जल रहे थे, हर गली में मंगल गीत गाए जा रहे थे, और पूरा वातावरण भक्ति और आनंद से भरा हुआ था।
इस भजन को सुनते हुए, आप भी अपने आप को उस समय का हिस्सा महसूस करेंगे, जहाँ भगवान की कृपा और प्रेम हर कोने में बसा हुआ था। यह भजन न केवल आपके मन को शांति देगा, बल्कि आपको भगवान राम और माता सीता की दिव्यता से जोड़ते हुए भक्ति की गहराई में डूबो देगा।
आजु मिथिला नगरिया निहाल लिरिक्स | Aaj Mithila Nagariya Nihar Lyrics
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा,
कारी कारी कजरारी जुलमी नयनमा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,
अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे
जुगे जुगे, जीबे जोड़ी बेमिसाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
गगन मगन आजु, मगन धरतिया,
देखि देखि दुलहा जी के, साँवर सुरतिया,
बाल वृद्ध, नर-नारी, सब बेहाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
जेकरा लागी जोगी मुनि, जप तप कईले,
से मोरा मिथिला में पाहुन बन के अईले
आजु लोढ़ा से सेदाई इनके गाल सखिया..
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!